तार का फल कैसा होता है विडियो देखिए
तार का पेड़ कैसा होता है
Tar ka ped


ताड़ नारियल की तरह लम्बा और सीधा पेड़ होता है लेकिन ताड़ के पेड़ में डालियाँ नहीं होती है  तने से ही पत्ते निकलते हैं। आपको ये जानकार आश्चर्य होगा कि ताड़ का वृक्ष नर और नारी दो प्रकार के होते हैं। कहने का मतलब ये होता है कि ताड़ के नर वृक्ष पर सिर्फ फूल खिलते हैं और नारी वृक्ष पर नारियल की तरह गोल-गोल फल होते हैं। इसके पौधे काफी ऊँचे 60-70 फुट होते हैं। तना प्राय: सीधा और शाखारहित होता है एवं इसके ऊपरी भाग में गुच्छेदार, पंखे के समान पत्तियाँ होती हैं। ग्रंथताल के नर तथा मादा पौधों को उनके फूलगुच्छे से पहचाना जाता है। पौधे फाल्गुन महीने में फूलते हैं और फल ज्येष्ठ तक आ जाता है। ये फल श्रावणमास तक पक जाते हैं। प्रत्येक फल में एक बीज होता है, जो कड़ा तथा सुपारी की भाँति होता है। दो या तीन मास तक जमीन के अंदर गड़े रहने पर बीज अंकुरित हो जाता है।

ताड़ के वृक्ष के फायदे – ( हिंदी में)

ताड़ के गुणों के आधार पर आयुर्वेद में किन-किन बीमारियों के लिए इसको उपयोग के रूप में प्रयोग किया जाता है।
इसके की फायदे हैं जो आपको नहीं मालूम है, जानकारी के लिए हमारा पुरा आर्टिकल पढ़ें।
  • आंख आने वाली बीमारी से राहत
आंख आने की बीमारी बहुत ही संक्रामक होती है  आँख आने पर उसके दर्द से राहत पाने में ताड़ का इस तरह से प्रयोग करने पर फायदा पहुँचता है नव ताजी ताड़ी से सिद्ध किए हुए घी की 2 बूंदों को नेत्रों में डालने से आंख आने में राहत होता है।

  • पेट का कीड़ा का दवाइयों में यूज तार का पेड़

बच्चों हो या बड़ा दोनों को पेट में कीड़ा होने की बहुत समस्या होती है इसके कारण बहुत तरह के बीमारियों के चपेट में आ जाते हैं पेट से कीड़ा निकालने में ताड़ का इस तरह से सेवन करने पर लाभ मिलता है थोड़ा सा ताड़ जड़ के चूर्ण को कांजी में पीसकर थोड़ा गुनगुना करके नाभि पर लेप करने से पेट की कृमियों से राहत मिलती है।

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दोस्तों काफी लोग उसके ऊपर से तारी निकलते हैं आप तो तारी का नाम जानते होंगे।  दोस्तों आपको मेरा आर्टिकल वीडियो पसंद आए तो चैनल को सब्सक्राइब करें और वेबसाइट को फॉलो बटन पर क्लिक कर के फॉलो करें